भारत के सबसे बड़े धार्मिक उत्सवों में से एक, श्री जगन्नाथ रथयात्रा, न केवल आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह सेवा और समर्पण का भी अनुपम उदाहरण प्रस्तुत करता है। इस बार इस भव्य आयोजन में अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी ने अपने परिवार के साथ न केवल हिस्सा लिया, बल्कि तीर्थयात्रियों के लिए महाप्रसाद की व्यवस्था कर एक अनूठा योगदान भी दिया।
रथयात्रा में अडानी परिवार की सहभागिताशनिवार को गौतम अडानी अपनी पत्नी प्रीति अडानी और बेटे करण अडानी के साथ ओडिशा के पुरी पहुंचे। नौ दिनों तक चलने वाली इस रथयात्रा में अडानी परिवार ने भक्ति और उत्साह के साथ भाग लिया। गौतम अडानी ने न केवल रथयात्रा में हिस्सा लिया, बल्कि इस्कॉन रसोई में जाकर तीर्थयात्रियों के लिए महाप्रसाद तैयार करने में भी सहयोग किया। उन्होंने पूड़ियां बनाईं, सब्जियां और फल काटे, और रसोई की व्यवस्था का जायजा लिया। यह दृश्य न केवल उनकी सादगी को दर्शाता है, बल्कि उनकी भक्ति और सेवा भाव को भी उजागर करता है।
अडानी ग्रुप की ‘प्रसाद सेवा’ पहल अडानी ग्रुप ने इस रथयात्रा को और भी विशेष बनाने के लिए ‘प्रसाद सेवा’ की शुरुआत की है। 26 जून से 8 जुलाई तक चलने वाली इस यात्रा के दौरान, अडानी ग्रुप का लक्ष्य सभी तीर्थयात्रियों और अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ताओं को महाप्रसाद वितरित करना है। इसके लिए पुरी में कई किचन स्थापित किए गए हैं, जहां भक्तों को भोजन के रूप में महाप्रसाद उपलब्ध कराया जा रहा है।
यह पहल न केवल तीर्थयात्रियों की सेवा कर रही है, बल्कि रथयात्रा के सामाजिक और धार्मिक महत्व को भी बढ़ा रही है।गौतम अडानी का भावुक संदेशरथयात्रा में शामिल होने के बाद गौतम अडानी ने कहा, “महाप्रभु श्री जगन्नाथ जी की असीम कृपा से हमें इस पावन रथयात्रा में सेवा का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। यह यात्रा केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि भक्ति, सेवा और समर्पण का उत्सव है। मेरे पास जो कुछ भी है, वह भगवान की कृपा और लोगों की प्रार्थनाओं का फल है। मैंने ओडिशा और देश के उज्ज्वल भविष्य के लिए प्रार्थना की।” श्री जगन्नाथ रथयात्रा का महत्वपुरी में आयोजित होने वाली श्री जगन्नाथ रथयात्रा भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत का प्रतीक है। इस दौरान भगवान जगन्नाथ अपने भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के साथ रथ पर सवार होकर गुंडिचा मंदिर की ओर प्रस्थान करते हैं।
यह यात्रा सामाजिक समरसता का संदेश देती है, जहां ऊंच-नीच का भेद मिट जाता है और सभी भक्त एक साथ मिलकर उत्सव में शामिल होते हैं।गौतम अडानी और उनके परिवार का इस रथयात्रा में योगदान न केवल उनकी धार्मिक आस्था को दर्शाता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि कैसे बड़े उद्योगपति सामाजिक और धार्मिक कार्यों में सक्रिय भूमिका निभा सकते हैं। अडानी ग्रुप की ‘प्रसाद सेवा’ और गौतम अडानी की सादगी ने इस रथयात्रा को और भी यादगार बना दिया। यह आयोजन न केवल पुरी, बल्कि पूरे देश के लिए एकता और भक्ति का संदेश लेकर आया है।